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मा नर्मदा उल्टी क्यों बहती है

माँ नर्मदा नदी करोडो लोगो की आस्था का प्रतिक है इसे जीवनदायिनी भी कहा गया है नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की प्रमुख नदी है जिसके किनारों पर 10 हजार तीर्थ स्थल है जहां सभी नदिया पश्चिम से पूर्व की और बहती है और बंगाल की खाड़ी में समाहित होती है वही नर्मदा नदी एक ऐसी नदी है जो पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है और अरबसागर में विलीन हो जाती है.


नर्मदा नदी लम्बाई 1,312 किमी है भोगोलिक स्थति के अनुसार देखते हुए नर्मदा लिफ्ट वेली में होने के कारण भी उल्टी दिशा में प्रवाहित होती है पुराणों के अनुसार -नर्मदा नदी के बारे में कहा जाता है कि यह राजा मैखल की पुत्री थीं। नर्मदा के विवाह योग्‍य होने पर मैखल ने उनके विवाह की घोषणा करवाई। साथ ही यह भी कहा कि जो भी व्‍यक्ति गुलाबकावली का पुष्‍प लेकर आएगा.


माँ नर्मदा की आत्मकथा

राजकुमारी का विवाह उसी के साथ होगा। इसके बाद कई राजकुमार आए लेकिन कोई भी राजा मैखल की शर्त पूरी नहीं कर सका। तभी राजकुमार सोनभद्र आए और राजा की गुलबकावली पुष्‍प की शर्त पूरी कर दी। इसके बाद नर्मदा और सोनभद्र का विवाह तय हुआ राजा मैखल ने जब राजकुमारी नर्मदा और राजकुमार सोनभद्र का विवाह तय किया तो राजकुमारी की इच्‍छा हुई.


कि वह एक बार तो उन्‍हें देख लें। इसके लिए उन्‍होंने अपनी सखी जुहिला को अपने वस्त्र और गहने पहना  कर  राजकुमार के पास संदेश के साथ भेजा। सोनभद्र ने जोहिला को नर्मदा समझ कर उसके सामने प्रेम प्रस्ताव रखा तो जुहिला उनके प्रेम प्रस्ताव को मना नही कर सकी और सोनभद्र से प्रेम करने लगी लेकिन काफी समय बीत गया पर  जुहिला वापस नहीं आई.


तो राजकुमारी को चिंता होने लगी और वह उसकी खोज में निकल गईं। तभी वह सोनभद्र के पास पहुंचीं और वहां जुहिला को उनके साथ देखा। तो उन्‍हें अत्‍यंत क्रोध आया। और  उन्‍होंने आजीवन कुंवारी रहने का प्रण लिया और उल्‍टी दिशा में चल पड़ीं। कहा जाता है कि तभी से नर्मदा पूर्व से पश्चिम की और उल्टी दिशा में बहती हुई अरब सागर में जाकर मिल गई। जबकि अन्‍य नदियों की बात करें तो सभी नदियां बंगाल की खाड़ी में मिलती हैं.

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